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Dainik Bhaskar 4 लोकसभा सीटों को साधने जोधपुर पहुंचे अमित शाह:कोर कमेटी की बैठक में बन रहा चुनाव का माइक्रो प्लान, थोड़ी देर में कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे

जोधपुर लोकसभा क्षेत्र में चुनावी तैयारियों को लेकर अमित शाह सोमवार सुबह करीब 11 बजे जोधपुर पहुंचे। यहां रातानाड़ा स्थित पोलो ग्राउंड पर भाजपा कार्यकर्ताओं की सभा होगी। शाह यहां से 4 लोकसभा क्षेत्र में चुनावी बिगुल फूकेंगे। शाह के साथ मुख्यमंत्री भजनलाल भी मौजूद हैं।

Dainik Bhaskar चीन ने अरुणाचल की 30 जगहों के नाम बदले:7 साल में चौथी बार ऐसा किया; अरुणाचल को फिर अपना हिस्सा बताया

चीन ने अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताकर वहां की 30 जगहों के नाम बदल दिए हैं। चीन की सिविल अफेयर मिनिस्ट्री ने इसकी जानकारी दी। हांगकांग मीडिया हाउस साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक, इनमें से 11 रिहायशी इलाके, 12 पर्वत, 4 नदियां, एक तालाब और एक पहाड़ों से निकलने वाला रास्ता है। हालांकि, इन जगहों के नाम क्या रखे गए हैं, इस बारे में जानकारी नहीं दी गई। इन नामों को चीनी, तिब्बती और रोमन में जारी किया। पिछले 7 सालों में ऐसा चौथी बार हुआ है जब चीन ने अरुणाचल की जगहों का नाम बदला हो। चीन ने अप्रैल 2023 में अपने नक्शे में अरुणाचल प्रदेश की 11 जगहों के नाम बदल दिए थे। चीन ने पिछले 5 साल में तीसरी बार ऐसा किया था। इसके पहले 2021 में चीन ने 15 जगहों और 2017 में 6 जगहों के नाम बदले थे। ग्राफिक्स में देखें चीन ने कब और किन जगहों के नए नाम रखे... भारत हमेशा कहता है- अरुणाचल हमारा हिस्सा था, है और रहेगा अरुणाचल में बढ़ते चीनी दखल और यहां की जगहों के नाम बदले जाने पर भारत कहता आया है कि अरुणाचल हमारा हिस्सा है। अप्रैल 2023 में विदेश मंत्रालय ने कहा था- हमारे सामने चीन की इस तरह की हरकतों की रिपोर्ट्स पहले भी आई हैं। हम इन नए नामों को सिरे से खारिज करते हैं। अरुणाचल प्रदेश भारत का आतंरिक हिस्सा था, हिस्सा है और रहेगा। इस तरह से नाम बदलने से हकीकत नहीं बदलेगी। नाम बदलने के पीछे चीन का क्या दावा है... दरअसल, चीन ने कभी अरुणाचल प्रदेश को भारत के राज्य के तौर पर मान्यता नहीं दी। वो अरुणाचल को ‘दक्षिणी तिब्बत’ का हिस्सा बताता है। उसका आरोप है कि भारत ने उसके तिब्बती इलाके पर कब्जा करके उसे अरुणाचल प्रदेश बना दिया है। चीन अरुणाचल के इलाकों के नाम क्यों बदलता है इसका अंदाजा वहां के एक रिसर्चर के बयान से लगाया जा सकता है। 2015 में चाइनीज एकेडमी ऑफ सोशल साइंस के रिसर्चर झांग योंगपान ने ग्लोबल टाइम्स को कहा था, 'जिन जगहों के नाम बदले गए हैं वो कई सौ सालों से हैं। चीन का इन जगहों का नाम बदलना बिल्कुल जायज है। पुराने समय में जांगनान ( चीन में अरुणाचल को दिया नाम) के इलाकों के नाम केंद्रीय या स्थानीय सरकारें ही रखती थीं। इसके अलावा इलाके के जातीय समुदाय जैसे तिब्बती, लाहोबा, मोंबा भी अपने अनुसार जगहों के नाम बदलते रहते थे। जब जैंगनेम पर भारत ने गैर कानूनी तरीके से कब्जा जमाया तो वहां की

Dainik Bhaskar कांग्रेस CEC की बैठक जारी, सोनिया-खड़गे मौजूद:तेलंगाना के उम्मीदवारों की लिस्ट आ सकती है; अब तक 212 कैंडिडेट्स का ऐलान

कांग्रेस आज यानी सोमवार (1 अप्रैल) को तेलंगाना के प्रत्याशियों का ऐलान कर सकती है। कांग्रेस मुख्यालय में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक जारी है। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, केसी वेणुगोपाल, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्‌डी समेत कई कांग्रेस नेता शामिल हैं। यह पार्टी की दसवीं लिस्ट होगी। कांग्रेस अब तक देशभर में 212 उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है। इसके पहले 29 मार्च को कांग्रेस ने नौवीं लिस्ट का ऐलान किया था। ​​​इसमें राजस्थान के 2 कैंडिडेट के नाम बदले गए और कर्नाटक से 3 उम्मीदवारों का नाम घोषित किया गया था। आठवीं लिस्ट में सुप्रिया श्रीनेत का टिकट कटा कांग्रेस की आठवीं लिस्ट में 4 राज्यों के 14 प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया गया था। उत्तर प्रदेश के महाराजगंज से सुप्रिया श्रीनेत का टिकट काटा था। 2019 में उन्होंने यहां से चुनाव लड़ा था, पर हार गई थीं। इस साल कांग्रेस ने इस सीट से वीरेंद्र चौधरी को उतारा है। फिलहाल सामने नहीं आया है कि पार्टी ने श्रीनेत का टिकट क्यों काटा है। हालांकि, इसे कंगना रनोट पर विवादित पोस्ट करने की कॉन्ट्रोवर्सी से जोड़कर देखा जा रहा है। पूरी खबर पढ़ें कांग्रेस ने 7वीं लिस्ट में 5 कैंडिडेट्स का ऐलान किया था कांग्रेस ने मंगलवार (26 मार्च) को 5 कैंडिडेट्स के नामों का ऐलान किया था। यह पार्टी की 7वीं लिस्ट थी। इसमें छत्तीसगढ़ से 4 और तमिलनाडु से एक कैंडिडेट थे। छत्तीसगढ़ की सरगुजा सीट से शशि सिंह, रायगढ़़ से मेनका देवी सिंह, बिलासपुर से देवेंद्र सिंह यादव, कांकेर से ब्रजेश ठाकुर और तमिलनाडु की मायलाआदुथुरई सीट से एडवोकेट आर. सुधा को मैदान में उतारा गया है। 25 मार्च को भी 5 कैंडिडेट्स का ऐलान था कांग्रेस ने सोमवार (25 मार्च) को 5 कैंडिडेट्स के नामों का ऐलान किया था। इसमें राजस्थान से 4 और तमिलनाडु से एक कैंडिडेट है। कोटा से प्रहलाद गुंजल, अजमेर से रामचंद्र चौधरी, राजसमंद से सुदर्शन सिंह रावत, भीलवाड़ा से दामोदर गुर्जर को ​टिकट दिया गया है। गुंजल राजस्थान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी रहे हैं। वे 2 बार कोटा उत्तर से MLA रहे, लेकिन पिछला विधानसभा चुनाव हार गए थे। उनके भाजपा छोड़ कांग्रेस में आने से हाड़ौती क्षेत्र में कांग्रेस को फायदा होने की उम्मीद है। कांग्रेस ने इसके अलावा सोमवार को जारी सूची में तमिलन

Dainik Bhaskar अरविंद केजरीवाल की ED की रिमांड खत्म:शराब नीति केस में एजेंसी फिर से रिमांड की मांग कर सकती है

शराब नीति केस में दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की ED की रिमांड आज खत्म हो रही है। 28 मार्च को राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनकी ED की कस्टडी को 4 दिन बढ़ाकर 1 अप्रैल तक कर दिया था। आज फिर से कोर्ट में केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई हो सकती है। ED फिर से केजरीवाल की रिमांड की मांग कर सकती है। खुद की पैरवी करने वाले पहले सिटिंग सीएम बने केजरीवाल वहीं, 28 मार्च को केजरीवाल ने खुद अपने केस की पैरवी की थी। वे ऐसा करने वाले देश के पहले सिटिंग सीएम बन गए थे। केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी का विरोध करते हुए कहा था कि इस केस में मेरा नाम सिर्फ चार जगह आया है। 4 स्टेटमेंट दिए गए और उनमें से कोर्ट के सामने वो बयान लाया गया, जिसमें मुझे फंसाया गया। क्या ये 4 स्टेटमेंट एक मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने के लिए काफी हैं? इसके जवाब में ED ने कहा था कि मुख्यमंत्री कानून से ऊपर नहीं हैं। वहीं, कोर्ट में पेशी के लिए जाते वक्त उनसे पूछा गया कि LG ने कहा था कि सरकार जेल से नहीं चलेगी। इसके जवाब में केजरीवाल ने कहा कि ये पॉलिटिकल षड्यंत्र है, जनता इसका जवाब देगी। 28 मार्च को कोर्ट में हुई सुनवाई पढ़िए... ED: अटॉर्नी सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि केजरीवाल के बयान रिकॉर्ड कर लिए गए हैं। इन्होंने टाल-मटोल करने वाले जवाब दिए हैं। ED: हम केजरीवाल का सामना कुछ और लोगों से करवाना चाहते हैं। AAP के गोवा प्रत्याशी के 4 और बयान दर्ज किए गए हैं। हम केजरीवाल और AAP प्रत्याशी का आमना-सामना कराना चाहते हैं। ED: केजरीवाल ने अपना पासवर्ड नहीं बताया है, इसके चलते हम डिजिटल डेटा हासिल नहीं कर पाए हैं। केजरीवाल कह रहे हैं कि पहले वे अपने वकीलों से बात करेंगे, इसके बाद फैसला करेंगे कि पासवर्ड देना है या नहीं। अगर वे पासवर्ड नहीं देते हैं तो हमें पासवर्ड ब्रेक करना होगा। ED: केजरीवाल जानबूझकर पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं। हमने पंजाब के कुछ एक्साइज अधिकारियों को भी इस मामले में समन भेजा है। उनसे भी केजरीवाल का आमना-सामना कराया जाएगा। केजरीवाल ने खुद कोर्ट में बोलना शुरू किया.... केजरीवाल: मैं ED अफसरों को धन्यवाद कहना चाहता हूं। ये केस चलते-चलते 2 साल हो गए हैं। केजरीवाल: मुझे किसी कोर्ट में दोषी साबित नहीं किया जा सका। मुझे गिरफ्तार कर लिया गया। CBI ने 31 हजार पन्ने और ED ने 25 हजार पेज दाखिल किए। आप इन दोनों

Dainik Bhaskar कच्चाथीवू पर जयशंकर बोले-मुद्दे को छिपाया गया:जिम्मेदार कौन, श्रीलंका को द्वीप कैसे दिया गया...आज जनता को ये जानने का अधिकार

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कच्चाथीवू मसले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि ये ऐसा मुद्दा नहीं है, जो आज अचानक उठा है। ये वो मसला है, जो संसद और तमिलनाडु में लगातार उठता रहा है, इस पर बहस हुई। मेरे रिकॉर्ड बताते हैं कि इस मसले पर मैंने मौजूदा मुख्यमंत्री को 21 बार जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि पिछले 20 साल में 6184 भारतीय मछुआरों को श्रीलंका ने पकड़ा। भारत की मछली पकड़ने वाली 1175 नावें सीज की गईं। कई पार्टियों ने लगातार कच्चाथीवू और मछुआरों का मसला संसद में उठाया है। कांग्रेस और डीएमके ऐसा दिखा रही हैं कि उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है और यह अभी अभी का मसला है। उन्होंने कहा कि जनता को ये जानने का अधिकार है कि 1974 में कच्चाथीवू को कैसे दे दिया गया। यह मसला वो 2 पार्टियां उठाती हैं, जिन्होंने इसे अंजाम दिया है। जब भी कोई गिरफ्तारी होती है, जो ये लोग मुद्दा उठाते हैं। चेन्नई में बैठकर बयान देना आसान है, लेकिन उन मछुआरों को कैसे छुड़ाया जाता है, ये हम जानते हैं। पढ़िए कच्चाथीवू पर जयशंकर की प्रेस कॉन्फ्रेंस की प्रमुख बातें... 1. 1974 के समझौते की तीन कंडीशन थीं जयशंकर ने कहा कि 1974 में इंडिया और श्रीलंका ने एक समझौता किया, जिसके जरिए दोनों देशों के बीच समुद्री सीमा का निर्धारण हुआ। इस सीमा को तय करते वक्त कच्चाथीवू को श्रीलंका में दे दिया गया। इस समझौते की 3 और कंडीशन थीं। पहली- दोनों देशों का अपनी जल सीमा पर पूरा अधिकार और संप्रभुता होगी, दूसरी- कच्चाथीवू का इस्तेमाल भारतीय मछुआरे भी कर सकेंगे और इसके लिए किसी ट्रैवल डॉक्यूमेंट की आवश्यकता नहीं होगी। तीसरी- भारत और श्रीलंका की नौकाएं एक-दूसरे की सीमा में वो यात्राएं कर सकेंगी जो वो परंपरागत रूप से करती आ रही हैं। यह समझौता संसद में रखा गया। तब के विदेश मंत्री स्वर्ण सिंह जी ने 23 जुलाई 1974 को संसद को भरोसा दिलाया था। मैं उन्हीं का स्टेटमेंट पढ़ रहा हूं, जो कहता है- मुझे विश्वास है कि दोनों देशों के बीच सीमाओं का निर्धारण बराबरी से हुआ है, ये न्यायसंगत है और सही है। स्वर्ण सिंह जी ने आगे कहा था कि मैं सभी सदस्यों को याद दिलाना चाहता हूं कि इस समझौते को करते वक्त दोनों देशों को भविष्य में मछली पकड़ने, धार्मिक कार्य करने और नौकाएं चलाने का अधिकार रहेगा। 2 साल के भीतर ही इंडिया और श्रीलंका के बीच एक और सम

Dainik Bhaskar हरियाणा-हिमाचल तक फैला अलकेमिस्ट ग्रुप का फर्जीवाड़ा:पंचकूला-शिमला में खरीदी करोड़ों की प्रॉपर्टी; ED ने अटैच की, TMC के पूर्व सांसद मालिक

अलकेमिस्ट ग्रुप का फर्जीवाड़ा हरियाणा और हिमाचल प्रदेश तक फैला हुआ है। इसका खुलासा तब हुआ है, जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले की जांच शुरू की। कंपनी द्वारा हरियाणा के पंचकूला में पार्श्वनाथ रॉयल प्रोजेक्ट में अलकेमिस्ट रियल्टी लिमिटेड द्वारा कुल 18 फ्लैट और हिमाचल प्रदेश के शिमला (ग्रामीण) के साथ सिरमौर के क्योंथल में लगभग 250 बीघा और 78 बीघा जमीन की जांच की गई। हालांकि, ईडी ने ये प्रॉपर्टियां अटैच कर दी हैं। इनकी कीमत 29 करोड़ रुपए से ज्यादा की बताई जा रही है। इस कंपनी के मालिक तृणमूल कांग्रेस (TMC) के पूर्व सांसद केडी सिंह हैं। हरियाणा-हिमाचल के साथ ही ग्रुप के द्वारा मध्य प्रदेश में भी प्रॉपर्टी खरीदी गई। लोगों से 1,800 करोड़ लिए प्रवर्तन निदेशालय द्वारा इस मामले में कई एफआईआर दर्ज की गई हैं। इनमें आरोप लगाया गया है कि समूह ने अलकेमिस्ट होल्डिंग्स लिमिटेड और अलकेमिस्ट टाउनशिप इंडिया लिमिटेड जैसी अपनी कंपनियों में लोगों से 1,800 करोड़ रुपए से अधिक की राशि एकत्र की। इसके साथ ही कंपनी के द्वारा लोगों से निवेश पर उच्च ब्याज दर के अलावा अच्छा रिटर्न देने के साथ फ्लैट, विला, प्लॉट देने का झूठा वादा भी किया गया। ईडी ने इसका खुलासा करते हुए कहा है कि प्रॉपर्टी को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत अस्थायी रूप से संलग्न किया गया है। निवेशकों काे नहीं लौटाया गया पैसा अलकेमिस्ट समूह का नेतृत्व तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पूर्व राज्यसभा सदस्य कंवर दीप सिंह कर रहे हैं। कुर्क की गई संपत्तियों की कुल कीमत 29.45 करोड़ रुपए है। ईडी ने दावा किया है कि जांच के अनुसार, सार्वजनिक निवेशकों को कभी भी उनका पैसा नहीं लौटाया गया और धन को अलकेमिस्ट समूह की विभिन्न कंपनियों में डायवर्ट कर दिया गया। इसमें आरोप लगाया गया है कि अलकेमिस्ट ग्रुप ने निवेशकों से अर्जित अपराध की आय से संपत्ति हासिल करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में कई कंपनियां बनाई थीं।

Dainik Bhaskar ज्ञानवापी में पूजा और नमाज दोनों जारी रहे:पूजा पर रोक लगाने की याचिका पर CJI का आदेश, मुस्लिम पक्ष बोला-हमें बेदखल किया जा रहा

सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को ज्ञानवापी परिसर के व्यास तहखाने में पूजा पर रोक के खिलाफ याचिका पर सुनवाई चल रही है। मस्जिद पक्ष के वकील ने पूजा पर तत्काल रोक की मांग पर अपनी दलीलें रखीं। इस पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा- तहखाने का प्रवेश दक्षिण से है और मस्जिद का उत्तर से दोनों एक-दूसरे को प्रभावित नहीं करते। हम निर्देश देते हैं कि फिलहाल दोनों अपनी-अपनी जगहों पर नमाज और पूजा जारी रखें। अब लंच ब्रेक के बाद फिर सुनवाई शुरू होगी। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने मुस्लिम पक्ष के वकील से पूछा- क्या हो रहा है? पूजा हो रही है? वकील अहमदी ने कहा- हां पूजा हो रही है। उन्होंने जगह पर कब्जा कर लिया है। अंतरिम आदेश से प्रभावी रूप से 1993 यानी 30 साल पहले की यथास्थिति बहाल हो गई है। राज्य सरकार जो मामले में पक्षकार भी नहीं है, रात के अंधेरे में आदेश लागू करती है। आदेश की रात पूजा की जाती है। जिसमें मुस्लिम पक्ष को रहने से रोका गया। यह ट्रायल कोर्ट और फिर एचसी द्वारा पारित एक असाधारण मामला है। आदेश का प्रभाव अंतरिम चरण में अंतिम राहत देना है। कृपया कोर्ट संज्ञान ले। सीजेआई: मस्जिद में नमाज कहां पढ़ी जाती है? मुस्लिम पक्ष: उत्तर की तरफ सीजेआई: जो लोग मस्जिद में प्रार्थना करने आते हैं। वे किस तरफ से आते हैं। मुस्लिम पक्ष: तहखाना दक्षिण की ओर है और मस्जिद की सीढ़ियां उत्तर की ओर से हैं। सीजेआई: तो तहखाना वाले लोग उत्तर की ओर की सीढ़ियों का उपयोग नहीं करते हैं? मुस्लिम पक्ष: हां, वे नहीं करते हैं.. लेकिन उन्होंने अब नमाज रोकने के लिए एक और आवेदन भी दिया है। इसलिए धीरे-धीरे मुझे अपनी ही संपत्ति से बेदखल किया जा रहा है। "हम धीरे-धीरे मस्जिद खो देंगे" सीजेअई: ज्ञानवापी में पूजा-नमाज एक साथ हो सकती है। दोनों की दिशाएं अलग-अलग हैं, इसमें किसी को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। तहखाने का प्रवेश द्वार दक्षिण से है और मस्जिद का प्रवेश द्वार उत्तर से है। क्या दक्षिण में की जाने वाली प्रार्थनाएं उत्तर में की जाने वाली प्रार्थनाओं को प्रभावित कर रही हैं। मुस्लिम पक्ष: नहीं सीजेआई: यदि यह सही है, तो हम कह सकते हैं कि यथास्थिति में आगे कोई परिवर्तन नहीं होना चाहिए। हम कहते हैं कि नमाज जारी रहने दी जाए और दक्षिणी तहखाने में पूजा जारी रह सकती है। मुस्लिम पक्ष: मेरा मामला पूर्ण प्रवास का है। लेकिन अगर

Dainik Bhaskar भास्कर अपडेट्स:ओवैसी ने गाजीपुर में मुख्तार अंसारी को श्रद्धांजलि दी, कहा- इस मुश्किल घड़ी में उनके परिवार के साथ हूं

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने गाजीपुर में मुख्तार अंसारी को श्रद्धांजलि दी। ओवैसी ने सोशल मीडिया पर कहा कि आज मैं मुख्तार अंसारी के घर गया और उनके परिवार को सांत्वना दी। इस मुश्किल घड़ी में हम उनके परिवार, समर्थकों और प्रियजनों के साथ खड़े हैं।

Dainik Bhaskar 10 हजार बच्चों को बालश्रम से निकालकर दी जिंदगी:माउंट किलिमंजारो से वर्ल्ड में मानव तस्करी के खिलाफ सख्त कानून मांग, एवरेस्ट पर तिरंगा लहराया

जिंदगी में कामयाबी पाने के लिए जिस इंसान में जुनून और दृढ़ इच्छाशक्ति होती है, वो बड़े से बड़े काम को लाख कठिनाइयों के बाद भी पूरा कर देता है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है कुशीनगर के रहने वाले 29 साल के सूर्य प्रताप मिश्र ने…। अपनी मजबूत इच्छा शक्ति के बल पर अफ्रीकी महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो पर तिरंगा फहराकर उन्होंने कीर्तिमान रच दिया। असल में सूर्य सामाजिक कार्यकर्ता हैं। महिला तस्करी और बाल श्रम रोकने के लिए पिछले पांच साल इस काम से जुड़े हैं। अब तक करीब 10 हजार लोगों को मुक्त कराकर अच्छी जिंदगी दे चुके हैं। सूर्य दुनियाभर में महिला और बाल अपराध के खिलाफ सख्त नियम-कानून चाहते हैं। उनका मानना है सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा फहराने मोटिव दुनियाभर को संदेश देने का था। जिससे इन अपराधों पर लगाम लग सकें। उनका लक्ष्य उस अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना है, जो महिला तस्करी और बाल श्रम से जुड़ा है। दैनिक की 'नो निगेटिव मंडे' में आज कहानी सूर्य प्रताप की...जिन्होंने अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी पर पहुंचकर तिरंगा फहराया। वहां से दुनियाभर को महिला और बाल अपराध रोकने का संदेश दिया। आइए एक तरफ से जानते हैं... कुशीनगर के रहने वाले सूर्य प्रताप मिश्रा। पढ़ने में बचपन से होनहार थे। पिता महेंद्र प्रताप मिश्रा ने सैनिक स्कूल, लखनऊ में छठी क्लास से पढ़ने भेज दिया। यहां पर 12वीं तक पढ़ाई पूरी की। इसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय सोशल वर्क में ग्रेजुएशन किया। शुरू से ही सामाजिक कामों में रुचि थी, तो ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट स्पेशलाइजेशन से लखनऊ यूनिवर्सिटी से MA पूरा किया। इसके बाद 2018 में राम मनोहर लोहिया यूनिवर्सिटी को मिले यूनिसेफ के साथ जुड़ गए। वहां पर करीब डेढ़ साल तक काम किया। मानव अधिकार संरक्षक के साथ जुड़ कर सामाजिक कार्य करने लगे। स्कूल में माउटेनिंग पर गए तभी कीर्तिमान रचने का मन बनाया सूर्य प्रताप मिश्र बताते हैं कि स्कूल में पढ़ने के दौरान 2009 में माउंटेनिंग के लिए भेजा गया। जहां से नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनिंग से एडवेंचर कोर्स किया। तब ही से मन में बना लिया कि जिंदगी में जब भी टाइम मिलेगा या कोई ऐसा मौका मिलेगा जिससे पूरी दुनिया का केंद्र आकर्षित किया जा सके, तो एवरेस्ट पर जाऊंगा। पिछले पांच साल से काम कर रहा हूं। जिससे अब तक 10 हजार बच्चों को पुलिस और एनजीओ के साथ मिलकर बाल

Dainik Bhaskar कॉमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम 32 रुपए तक घटे:इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदना हुआ महंगा, आज से हुए ये 6 बड़े बदलाव

आज यानी 1 अप्रैल से नया फाइनेंशियल ईयर 2024-25 शुरू हो गया है। यह नया साल अपने साथ कई सारे बदलाव लेकर आया है। आज से कॉमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम 32 रुपए तक घट गए हैं। वहीं इलेक्ट्रिक गाड़ियों को खरीदने के लिए ज्यादा कीमत चुकानी होगी। इसके अलावा SBI ने डेबिट कार्ड की एनुअल मेंटेनेंस फीस में भी बढ़ोतरी की है। हम आपको ऐसे ही 6 बदलावों के बारे में बता रहे हैं, जिनका आप पर सीधा असर पड़ेगा... 1. कॉमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम 32 रुपए तक घटे ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने आज से 19 किलो वाले कॉमर्शियल सिलेंडर के दाम 32 रुपए तक घट गए हैं। दिल्ली में दाम अब 30.50 रुपए घटकर 1764.50 रुपए हो गए हैं। पहले ये 1795 रुपए में मिल रहा था। वहीं कोलकाता में सिलेंडर अब 32 रुपए घटकर 1879 रुपए में मिल रहा है। पहले इसके दाम 1911 रुपए थे। मुंबई में सिलेंडर 1749 रुपए से 31.50 रुपए कम हो कर 1717.50 का हो गया है। चेन्नई में सिलेंडर 1930 रुपए का मिल रहा है। हालांकि, 14.2 KG वाले घरेलू गैस सिलेंडर के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ है। दिल्ली में यह ₹803, कोलकाता में ₹829, मुंबई में ₹802.50 और चेन्नई में ₹818.50 का मिल रहा है। 2. SBI डेबिट कार्ड के लिए देना होगा ज्यादा चार्ज SBI ने कुछ डेबिट कार्ड से जुड़े एनुअल मेंटेनेंस फीस में 75 रुपए बढ़ोतरी की है। इस बढ़ोतरी के बाद क्लासिक-सिल्वर-ग्लोबल-कॉन्टेक्लैस डेबिट कार्ड के लिए 125 रुपए की जगह 200 रुपए सालाना फीस चुकानी होगी। इसमें GST अलग से जोड़ी जाएगी। 3. बिना KYC वाले फास्टैग हो जाएंगे बंद अगर आपने अपनी कार के फास्टैग की बैंक से KYC अपडेट नहीं कराई है वो आज से डीएक्टिव हो सकता है। इसके बाद फास्टैग में बैलेंस होने के बावजूद पेमेंट नहीं होगा। दोबारा इसे चालू करने के लिए आपको KYC अपडेट करानी होगी। 4. इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदना हुआ महंगा आज से इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदना महंगा हो गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार ने फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME-II) के तहत मिलने वाली सब्सिडी बंद कर दी है। इस स्कीम के तहत 22,500 रुपए तक की सब्सिडी दी जाती थी। हालांकि, सरकार ने आज से इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (EMPS) शुरू की है। यह 31 जुलाई 2024 तक वैलिड रहेगी। नई योजना के तहत इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर पर 10,000 रुपए तक की सब्सिडी मिलेगी। वहीं थ्री व्ह

Dainik Bhaskar मुलायम-अखिलेश ने प्रचार किया, फिर भी डिंपल हार गईं:सपा के विरोध में सलमान खान प्रचार करने आए, रिजल्ट के बाद अमर सिंह बने थे विलेन

साल 2009...अखिलेश यादव दो सीटों से लोकसभा चुनाव लड़े। दोनों जीत गए। एक सीट छोड़नी थी, इसलिए फिरोजाबाद छोड़ दी। वहां से पत्नी डिंपल को चुनाव मैदान में उतारा। दूसरी तरफ कुछ दिन पहले ही पार्टी छोड़ने वाले राज बब्बर को कांग्रेस पार्टी ने प्रत्याशी बना दिया। उस वक्त केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी। सपा के साथ अमर सिंह थे। प्रचार में बॉलीवुड के बड़े-बड़े सितारे उतर आए। जुबानी जंग खतरनाक स्तर पर पहुंच गई। यह सीट जीतना मुलायम सिंह के लिए नाक की बात हो गई। लेकिन नतीजे आए तो सब हैरान रह गए। डिंपल यादव अपना पहला चुनाव हार चुकी थीं। भास्कर की स्पेशल चुनावी सीरीज किस्सा में आज इसी चुनाव की बात करते हैं। जानते हैं कि कैसे अमर सिंह के एक बयान ने पासा पलट दिया और अखिलेश की जीती सीट पर डिंपल हार गईं? अखिलेश कन्नौज और फिरोजाबाद से चुनाव जीत गए 2009 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव कन्नौज और फिरोजाबाद से चुनाव लड़े। कन्नौज में उन्होंने बसपा प्रत्याशी डॉ. महेश चंद्र वर्मा को 1 लाख 15 हजार वोटों से हराया। फिरोजाबाद में उस वक्त बसपा में रहे एसपी सिंह बघेल को 67 हजार वोटों से हराया। दो सीटों पर एक साथ सांसद रहने का नियम नहीं है। इसलिए अखिलेश को एक सीट छोड़नी थी। उन्होंने फिरोजाबाद सीट की सांसदी से इस्तीफा दे दिया। नवंबर 2009 में यहां उपचुनाव हुआ। सपा ने यहां डिंपल यादव को प्रत्याशी बना दिया। डिंपल का यह पहला चुनाव था। इससे पहले उन्होंने कभी मंच पर खड़े होकर भाषण नहीं दिया था। उस वक्त केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी। सपा-कांग्रेस में गठबंधन था, लेकिन फिरोजाबाद सीट को लेकर कोई बात नहीं हुई थी। कांग्रेस ने यहां बॉलीवुड अभिनेता राज बब्बर को प्रत्याशी बना दिया। राज बब्बर 2006 तक सपा में थे। उन्होंने अमर सिंह पर पार्टी में दलाली और फाइव स्टार संस्कृति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था। इसलिए सपा ने निकाल दिया था। उस वक्त अमर सिंह का सपा में दबदबा था। फिरोजाबाद में जब राज बब्बर प्रत्याशी बने तो डिंपल को जीत दिलाने की जिम्मेदारी अमर सिंह पर आ गई। नामांकन के बाद प्रचार शुरू हुआ। मुलायम सिंह, राम गोपाल यादव और अमर सिंह हर इलाके में पहुंचने लगे। हर किसी से मिलते और कहते कि पहली बार चुनाव में उतरी बहू डिंपल को जिताना है। अखिलेश ने तो फिरोजाबाद में कैंप कर लिया। दूसरी तरफ राज बब्बर के समर्थन में राहुल

Dainik Bhaskar यूपी में 16 हारी सीटों पर BJP का विनिंग प्लान:5 पर नए चेहरे, 7 सीटों पर हारे प्रत्याशी; मोदी समेत 10 बड़े नेताओं का फोकस

2019 लोकसभा चुनाव में यूपी में भाजपा 16 सीटों पर चुनाव हार गई थी। 2024 में इन 16 सीटों पर जीत के लिए भाजपा ने स्पेशल स्ट्रैटजी बनाई है। 7 सीटों पर पिछले चुनाव में हार चुके प्रत्याशियों पर दांव लगाया है। जबकि 5 सीटों पर नए चेहरे उतारे हैं। इनमें से जिन 2 सीटों पर बसपा सांसद जीते थे, वह अब भाजपा जॉइन कर चुके हैं। यह 16 सीटें ओबीसी और दलित बाहुल्य हैं। इन पर प्रचार के लिए नरेंद्र मोदी, अमित शाह, योगी आदित्यनाथ, एसपी सिंह बघेल समेत 10 बड़े नेताओं को स्टार प्रचारक बनाया है। यही नहीं, यहां प्रत्याशियों के सिलेक्शन से लेकर प्रचार और ग्राउंड लेवल पर वर्किंग के लिए स्पेशल प्लान बनाया है। BJP के इस प्लान को समझेंगे। लेकिन, पहले देखते हैं 2019 में भाजपा की हारी हुई सीटें कौन सी थीं... 2019 चुनाव में भाजपा पूर्वांचल की 6 सीटों और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 8 सीटों पर चुनाव हारी थी। इनमें 2 सीटें ऐसी भी थीं जिन पर जीत-हार का अंतर 30 हजार से कम था। जबकि 6 सीटों पर 1 लाख वोटों से कम के अंतर पर हार-जीत हुई थी। अब 4 प्वाइंट्स में भाजपा का विनिंग प्लान... 1- प्रत्याशियों का सिलेक्शन: 2019 के मुकाबले 2 सवर्ण प्रत्याशी कम उतारे भाजपा ने 16 सीटों पर प्रत्याशियों के सिलेक्शन में जातीय समीकरण का ध्यान रखा है। अभी तक घोषित प्रत्याशियों में 5 सवर्ण, 6 ओबीसी और 2 दलित हैं। जबकि 2019 में 7 सीटों पर सवर्ण प्रत्याशियों को मौका दिया था। यानी, इस बार 2 सवर्ण प्रत्याशी कम हुए हैं। अंबेडकर नगर सीट से भाजपा ने बसपा के सांसद रहे रितेश पांडेय को टिकट दिया है। भाजपा जॉइन करने के 5 दिन बाद ही उनको टिकट मिल गया। यही नहीं, जिन 3 सीटों पर भाजपा को चुनौती मिल सकती है। वहां अभी तक समीकरण का एनालिसिस किया जा रहा है। इन सीटों में गांधी परिवार का गढ़ रायबरेली, अखिलेश के प्रभाव वाली मैनपुरी और मुख्तार अंसारी के वर्चस्व वाली गाजीपुर सीट है। देखिए पिछले चुनाव में हारी 16 सीटों पर भाजपा ने किसे प्रत्याशी बनाया... 2- संगठन लेवल पर फोकस: एक साल में सीएम योगी के 70 से अधिक दौरे हारी हुई 16 सीटों पर जीत के लिए भाजपा करीब एक साल से काम कर रही है। सीएम योगी इन 16 सीटों पर एक साल में करीब 70 से अधिक दौरे कर चुके हैं। यही नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी इन सीटों पर फोकस है। यही वजह है कि लोकसभा उपचुनाव में भले ही भाजपा